Wednesday, 7 May 2014

"नस्ल-दर-नस्ल मुहब्बत किताबों में महफूज़ होता आया है। कामयाब मुहब्बत इतिहास के पन्नों में ज़िंदा हैं और नाकाम मुहब्बत अफसानों में।" - Naiyar Imam Siddiqui

(नोट : कुछ मुहब्बत जो एकतरफ़ा हैं वो मेरी आँखों में ज़िंदा हैं )

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