"किसी को चाहने की आदत जब ज़रुरत बन जाए तो ये मुहब्बत में मुब्तला होने की पहली तस्दीक़ होती है. वैसे, प्यार जब अपनी हद से गुज़र जाता है तो मुहब्बत की आगोश में आ जाता है और जब मुहब्बत अपनी दहलीज़ के बाहर क़दम रख देती है तो इश्क़ के जज़ीरे पे जा पहुँचती है, जहाँ से वापसी मुमकिन नहीं." - Naiyar Imam Siddiqui
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