देश में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की बयार बहने के दसकों पहले से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का इंजीनियरिंग कॉलेज चुपचाप राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे रहा है। 21 नवंबर 1938 को स्थापित यह इंजीनियरिंग कॉलेज देश के चाँद पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक है जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2008 में आईआईटी बीएचयू की तरह आईआईटी अलीगढ़ करने कि पेशकश की पर विश्वविद्यालय समुदाय नें अपनी धरोहर और पहचान आईआईटी के साथ साझा करने पर असहमति जता दी।
वर्तमान में इस इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम डॉ. ज़ाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी है, जिसका नामकरण विश्ववविद्यालय के भूतपूर्व छात्र, स्वतंत्रता सेनानी, आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक, भूतपूर्व वाईस चांसलर, एवं भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ज़ाकिर हुसैन के नाम पे किया गया है।
75 वर्षों से राष्ट्र सेवा में समर्पित इस इंजीनियरिंग कॉलेज की सफलता और योगदान के लिए बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं।
http://www.amu.ac.in/collegeengg.jsp
22-11-2013
वर्तमान में इस इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम डॉ. ज़ाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी है, जिसका नामकरण विश्ववविद्यालय के भूतपूर्व छात्र, स्वतंत्रता सेनानी, आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक, भूतपूर्व वाईस चांसलर, एवं भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ज़ाकिर हुसैन के नाम पे किया गया है।
75 वर्षों से राष्ट्र सेवा में समर्पित इस इंजीनियरिंग कॉलेज की सफलता और योगदान के लिए बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं।
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22-11-2013
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